बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-2 मनोविज्ञान बीए सेमेस्टर-2 मनोविज्ञानसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-2 मनोविज्ञान - सरब प्रश्नोत्तर
प्रश्न- मध्यमान से आप क्या समझते हैं? इसके गुण-दोषों तथा उपयोग की विवेचना कीजिये।
अथवा
मध्यमान की गणना की प्रक्रिया स्पष्ट करें।
सम्बन्धित लघु उत्तरीय प्रश्न
1. मध्यमान की संक्षिप्त व्याख्या करें।
2. मध्यमान की विशेषतायें बताइये।
3. मध्यमान के गुण-दोष बताइये।
4. उदाहरण की सहायता से मध्यमान की गणना कीजिये।
उत्तर -
मध्यमान
(Mean)
मध्यमान को अंकगणितीय औसत भी कहा जाता है। अंक वितरण के समस्त अंकों को जोड़कर उनकी संख्या से भाग देने पर जो मान प्राप्त होता है, उसे मध्यमान कहते हैं।
गैरेट (Garrett, 1966) के अनुसार - "विभिन्न प्राप्तांकों के योग को उनकी संख्या से भाग देने पर प्राप्त मान मध्यमान कहा जाता है।'
ग्लीटमैन (Gleitman 1983) के अनुसार - " मध्यमान सभी प्राप्तांकों का अंकगणितीय औसत है।'
मध्यमान की विशेषताएँ (Characteristics of Mean)
1. दिये गये अंक वितरण का केन्द्र बिन्दु मध्यमान है।
2. मध्यमान की स्थिति को दिये गये अंक वितरण का प्रत्येक प्राप्तांक प्रभावित करता है।
3. अंक वितरण के सभी प्राप्तांकों में एक निश्चित राशि जोड़ने या घटाने से मध्यमान भी निश्चित राशि के समान घट या बढ़ जाता है।
4. मध्यमान की मानक त्रुटि मध्यांक तथा बहुलांक की अपेक्षा कम होती है।
मध्यमान के लाभ (Advantages of Mean)
1. मध्यमान की गणना सरलता एवं शीघ्रता से कर सकते हैं।
2. इसकी तुलना सरलता से कर सकते हैं।
3. मध्यमान केन्द्रीय प्रवृत्ति के माप में सर्वाधिक शुद्ध मान है।
4. मध्यमान केन्द्रीय प्रवृत्ति के माप में सर्वाधिक विश्वसनीय माप है।
5. मध्यमान दिये गये अंक वितरण का प्रतिनिधित्व करते हैं।"
मध्यमान के दोष (Demerits of Mean)
1. जब अंक वितरण असामान्य हो तो मध्यमान की अपेक्षा मध्यांक की गणना करनी चाहिये।
2. जब अंक वितरण अपूर्ण हो तब मध्यमान ज्ञात नहीं करना चाहिये।
मध्यमान के उपयोग (Uses of Mean)
1. समूह के विश्वसनीय मापन के लिये मध्यमान को प्रयुक्त करते हैं.।
2. वितरण सामान्य होने पर मध्यमान की गणना करते हैं।
3. मध्यमान का मूल्य सभी अंकों पर आधारित होता है।
4. आनुमानिक सांख्यिकी की गणना में यह एक उपयोगी माप है।
(Calculation of Mean)
(Calculation of Mean from Ungrouped Data)
यदि आँकड़े अव्यवस्थित हों तो सभी प्राप्तांकों को जोड़कर उनकी संख्या से भाग दे देते हैं। जैसे एक छात्र के पाँच विषय में क्रमश: 50, 60, 70, 40, 30 प्राप्तांक हैं तो उसका औसत प्राप्तांक निम्न सूत्र की सहायता से ज्ञात कर सकते हैं। मध्यमान के लिये M या X प्रयुक्त करते हैं।
Σx
M = --------
N
M = मध्यमान Σx = प्राप्तांकों का योग
N = प्राप्तांकों की संख्या
(50+60+70+40+30) 250
M = ------------------------- = ---------- = 50
5 5
उत्तर : औसत अंक = 50
(Calculation of Mean from Grouped Data)
यदि आँकड़े वर्गान्तरों में वितरित हों तो मध्यमान की गणना लघु विधि तथा संक्षिप्त विधि से करते हैं।
मध्यमान की गणना की दीर्घ विधि (Long Method) -
दीर्घ विधि में मध्यमान की गणना निम्न सूत्र से कर सकते हैं -
Σf x
M = --------
N
M = मध्यमान
X = वर्गान्तर का मध्य बिन्दु
f = आवृत्तियाँ
Σfx = गुणनफलों का योग
N = कुल आवृत्तियाँ
दीर्घ विधि से मध्यमान के चरण
1. सबसे पहले वर्गान्तर का मध्य बिन्दु ज्ञात करते हैं।
2. मध्य बिन्दुओं को प्राप्तांक के रूप में अंकित करते हैं।
3. मध्य बिन्दुओं को f से गुणाकर fx ज्ञात करते हैं।
4. इसके पश्चात् गुणनफल का योग ज्ञात करते हैं।
5. विभिन्न मानों को सूत्र में रखकर मध्यमान की गणना करते हैं।
उदाहरण- एक कक्षा में 50 छात्र थे। उनकी परीक्षा ली गई। दीर्घ विधि से मध्यमान की गणना कीजिये।
दीर्घ विधि द्वारा मध्यमान की गणना
Σf x
M = -----------
N
यहाँ N = 50 तथा Σfx = 1795
M = 1795 / 50 = 35.9
मध्यमान = 35.9
लघु विधि द्वारा मध्यमान की गणना
जब आँकड़े अधिक हों तब लघु विधि द्वारा मध्यमान की गणना उपयुक्त रहती है।
लघु विधि द्वारा मध्यमान की गणना के चरण -
1. जिस वर्गान्तर की आवृत्ति अधिक हो तथा लगभग जो मध्यम में हो उसके सामने शून्य अंकित करते हैं वैसे इसके लिये अन्य वर्गान्तर भी चुन सकते हैं। परन्तु गुणा-भाग की दृष्टि से मध्य वाले वर्गान्तर को चुनना लाभकारी है।
2. मध्य में स्थित वर्गान्तर के मध्य बिन्दु को कल्पित मध्यमान मान लेते हैं।
3. कल्पित मध्यमान वाले वर्गान्तर से बड़े वर्गान्तर के सामने क्रमशः + 1 + 2 + 3. ..... और छोटे वर्गान्तरों के सामने क्रमशः - 1 - 2 - 3 अंकित करते हैं। इन्हें विचलन मूल्य कहते हैं। इसे (x) तथा d द्वारा दर्शाते हैं।
4. आवृत्ति को विचलन मूल्य से गुणा कर fx या fd मूल्य ज्ञात करते हैं।
5. धनात्मक fx तथा ऋणात्मक fx का योग अलग-अलग ज्ञात करते हैं।
6. धनात्मक तथा ऋणात्मक fx मूल्य में अन्तर ज्ञात करते हैं। इसे Σfx या Σfd कहते हैं।
7. वर्ग विस्तार ज्ञात करते हैं।
8. विभिन्न मूल्यों को सूत्र में रखकर मध्यमान की गणना करते हैं।
Σfx
M = AM -------- x i
N
M = मध्यमान
AM = कल्पित मध्यमान
Σfx आवृत्तियों के गुणनफल का योग
N = संख्या
i = वर्गान्तर का आकार
उदाहरण - 40 छात्रों के बुद्धि परीक्षण से निम्न प्राप्तांक प्राप्त हुये। लघु विधि द्वारा मध्यमान की गणना करें।
Σfx
M = AM -------- x i AM = 47 i=5
N
7
M = 47 ---- x 5 = 47+(.18x5)=47+.87=47.87
40
उत्तर : छात्रों का औसत बुद्धि प्राप्तांक 47.87 है।
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- प्रश्न- मापन के प्रमुख कार्यों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- मापनी से आपका क्या तात्पर्य है? मापनी की प्रमुख विधियों का उल्लेख कीजिये।
- प्रश्न- मनोवैज्ञानिक मापन के विभिन्न स्तरों का वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- मापन का अर्थ एवं परिभाषा बताते हुए इसकी प्रमुख समस्याओं का उल्लेख कीजिए।'
- प्रश्न- मनोवैज्ञानिक मापन को स्पष्ट करते हुए मापन के गुणों का उल्लेख कीजिए तथा मनोवैज्ञानिक मापन एवं भौतिक मापन में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- मनोवैज्ञानिक मापन के कार्यों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- मापन की जीवन में नितान्त आवश्यकता है, इस कथन की पुष्टि कीजिए।
- प्रश्न- मापन के महत्व पर अपने विचार स्पष्ट कीजिए।
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- प्रश्न- मनोविज्ञान को विज्ञान के रूप में कैसे परिभाषित कर सकते है? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- प्रायोगिक विधि को परिभाषित कीजिए तथा इसके सोपानों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सह-सम्बन्ध से आप क्या समझते हैं? सह-सम्बन्ध के विभिन्न प्रकारों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- अवलोकन किसे कहते हैं? अवलोकन का अर्थ स्पष्ट कीजिए तथा अवलोकन पद्धति की विशेषताएँ बताइए।
- प्रश्न- अवलोकन के प्रकारों की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- चरों के प्रकार तथा चरों के रूपों का आपस में सम्बन्ध बताते हुए चरों के नियंत्रण पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- परिकल्पना या उपकल्पना से आप क्या समझते हैं? परिकल्पना कितने प्रकार की होती है।
- प्रश्न- जनसंख्या की परिभाषा दीजिए। इसके प्रकारों का विवेचन कीजिए।
- प्रश्न- वैज्ञानिक प्रतिदर्श की विशेषताओं की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- सह-सम्बन्ध गुणांक के निर्धारक बताइये तथा इसका महत्व बताइये।
- प्रश्न- उपकल्पनाएँ कितनी प्रकार की होती हैं?
- प्रश्न- अवलोकन का महत्व बताइए।
- प्रश्न- पक्षपात पूर्ण प्रतिदर्श क्या है? इसके क्या कारण होते हैं?
- प्रश्न- प्रतिदर्श या प्रतिचयन के उद्देश्य बताइये।
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- प्रश्न- वर्णनात्मक सांख्यिकीय से आप क्या समझते हैं? इस विधि का व्यवहारिक जीवन में क्या महत्व है? समझाइए।
- प्रश्न- मध्यमान से आप क्या समझते हैं? इसके गुण-दोषों तथा उपयोग की विवेचना कीजिये।
- प्रश्न- मध्यांक की परिभाषा दीजिये। इसके गुण-दोषों की विवेचना कीजिये।
- प्रश्न- बहुलांक से आप क्या समझते हैं? इसके गुण-दोष तथा उपयोग की विवेचना करें।
- प्रश्न- चतुर्थांक विचलन से आप क्या समझते हैं? इसके गुण-दोषों की व्याख्या करें।
- प्रश्न- मानक विचलन से आप क्या समझते है? मानक विचलन की गणना के सोपान बताइए।
- प्रश्न- रेखाचित्र के अर्थ को स्पष्ट करते हुए उसके महत्व, सीमाएँ एवं विशेषताओं का भी उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- आवृत्ति बहुभुज के अर्थ को स्पष्ट करते हुए रेखाचित्र की सहायता से इसके महत्व को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- संचयी प्रतिशत वक्र या तोरण किसे कहते हैं? इससे क्या लाभ है? उदाहरण की सहायता से इसकी पद रचना समझाइए।
- प्रश्न- केन्द्रीय प्रवृत्ति के माप से क्या समझते हैं?
- प्रश्न- केन्द्रीय प्रवृत्ति के उद्देश्य बताइए।
- प्रश्न- मध्यांक की गणना कीजिए।
- प्रश्न- मध्यांक की गणना कीजिए।
- प्रश्न- विचलनशीलता का अर्थ बताइए।
- प्रश्न- प्रसार से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- प्रसरण से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- विचलन गुणांक की संक्षिप्त व्याख्या करें।
- प्रश्न- आवृत्ति बहुभुज और स्तम्भाकृति में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- तोरण वक्र और संचयी आवृत्ति वक्र में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- स्तम्भाकृति (Histogram) और स्तम्भ रेखाचित्र (Bar Diagram) में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- स्तम्भ रेखाचित्र (Bar Diagram) किसे कहते हैं?
- प्रश्न- निम्नलिखित व्यवस्थित प्राप्तांकों के मध्यांक की गणना कीजिए।
- प्रश्न- निम्नलिखित व्यवस्थित प्राप्तांकों के बहुलांक की गणना कीजिए।
- प्रश्न- निम्नलिखित व्यवस्थित प्राप्तांकों के मध्यमान की गणना कीजिए।
- प्रश्न- निम्न आँकड़ों से माध्यिका ज्ञात कीजिए :
- प्रश्न- निम्नलिखित आँकड़ों का मध्यमान ज्ञात कीजिए :
- प्रश्न- अग्रलिखित आँकड़ों से मध्यमान ज्ञात कीजिए।
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- प्रश्न- सामान्य संभावना वक्र से क्या समझते हैं? इसके स्वरूप का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- कुकुदता से आप क्या समझते हैं? यह वैषम्य से कैसे भिन्न है?
- प्रश्न- सामान्य संभावना वक्र के उपयोग बताइये।
- प्रश्न- एक प्रसामान्य वितरण का मध्यमान 16 है तथा मानक विचलन 4 है। यह बताइये कि मध्य 75% केसेज किन सीमाओं के मध्य होंगे?
- प्रश्न- किसी वितरण से सम्बन्धित सूचनायें निम्नलिखित हैं :-माध्य = 11.35, प्रमाप विचलन = 3.03, N = 120 । वितरण में प्रसामान्यता की कल्पना करते हुए बताइये कि प्रप्तांक 9 तथा 17 के बीच कितने प्रतिशत केसेज पड़ते हैं?-
- प्रश्न- 'टी' परीक्षण क्या है? इसका प्रयोग हम क्यों करते हैं?
- प्रश्न- निम्नलिखित समूहों के आँकड़ों से टी-टेस्ट की गणना कीजिए और बताइये कि परिणाम अमान्य परिकल्पना का खण्डन करते हैं या नहीं -
- प्रश्न- सामान्य संभाव्यता वक्र की विशेषताओं की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- एक वितरण का मध्यमान 40 तथा SD 3.42 है। गणना के आधार पर बताइये कि 42 से 46 प्राप्तांक वाले विद्यार्थी कितने प्रतिशत होंगे?
- प्रश्न- प्रायिकता के प्रत्यय को स्पष्ट कीजिए।
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- प्रश्न- सह-सम्बन्ध से आप क्या समझते हैं? सह-सम्बन्ध के विभिन्न प्रकारों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सह-सम्बन्ध की गणना विधियों का वर्णन कीजिए। कोटि अंतर विधि का उदाहरण सहित वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सह-सम्बन्ध गुणांक गणना की प्रोडक्ट मोमेन्ट विधियों का वर्णन कीजिए। कल्पित मध्यमान विधि का उदाहरण देकर वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- उदाहरण की सहायता से वास्तविक मध्यमान विधि की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- काई वर्ग परीक्षण किसे कहते हैं?
- प्रश्न- सह-सम्बन्ध की दिशाएँ बताइये।
- प्रश्न- सह-सम्बन्ध गुणांक के निर्धारक बताइये तथा इसका महत्व बताइये।
- प्रश्न- जब ED2 = 36 है तथा N = 10 है तो स्पीयरमैन कोटि अंतर विधि से सह-सम्बन्ध निकालिये।
- प्रश्न- सह सम्बन्ध गुणांक का अर्थ क्या है?
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- प्रश्न- परीक्षण से आप क्या समझते हैं? परीक्षण की विशेषताओं एवं प्रकारों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- परीक्षण रचना के सामान्य सिद्धान्तों, विशेषताओं तथा चरणों का वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- किसी परीक्षण की विश्वसनीयता से आप क्या समझते हैं? विश्वसनीयता ज्ञात करने की विधियों का वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- किसी परीक्षण की वैधता से आप क्या समझते हैं? वैधता ज्ञात करने की विधियों का वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- पद विश्लेषण से आप क्या समझते हैं? पद विश्लेषण के क्या उद्देश्य हैं? इसकी प्रक्रिया पर प्रकाश डालिये।
- प्रश्न- किसी परीक्षण की विश्वसनीयता किन रूपों में मापी जाती है? विश्वसनीयता को प्रभावित करने वाले कारकों का वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- "किसी कसौटी के साथ परीक्षण का सहसम्बन्ध ही वैधता है।" इस कथन की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- मानकीकरण से आप क्या समझते हैं? इनकी क्या विशेषतायें हैं? मानकीकरण की प्रक्रिया विधि की विवेचना कीजिये।
- प्रश्न- मनोवैज्ञानिक मापन एवं मनोवैज्ञानिक परीक्षण में अन्तर बताइए।
- प्रश्न- परीक्षण फलांकों (Test Scores) की व्याख्या से क्या तात्पर्य है?
- प्रश्न- परीक्षण के प्रकार बताइये।
- प्रश्न- पद विश्लेषण की समस्याएँ बताइये।
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- प्रश्न- बुद्धि के अर्थ को स्पष्ट करते हुए बुद्धि के प्रकारों की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- बिने-साइमन बुद्धि परीक्षण का सविस्तार वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- वेक्सलर बुद्धि मापनी का सविस्तार वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- वेक्सलर द्वारा निर्मित बच्चों की बुद्धि मापने के लिए किन-किन मापनियों का निर्माण किया गया है? व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- कैटेल द्वारा प्रतिपादित सांस्कृतिक मुक्त परीक्षण की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- आयु- मापदण्ड (Age Scale) एवं बिन्दु - मापदण्ड (Point Scale) में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- बुद्धि लब्धि को कैसे ज्ञात किया जाता है?
- प्रश्न- बुद्धि और अभिक्षमता में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- वेक्सलर मापनियों के नैदानिक उपयोग की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- वेक्सलर मापनी की मूल्यांकित व्याख्या कीजिए।
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- प्रश्न- व्यक्तिगत आविष्कारिका क्या है? कैटेल द्वारा प्रतिपादित सोलह ( 16 P. F) व्यक्तित्व-कारक प्रश्नावली व्यक्तित्व मापन में किस प्रकार सहायक है?
- प्रश्न- प्रक्षेपण विधियाँ क्या हैं? यह किस प्रकार व्यक्तित्व माप में सहायक हैं?
- प्रश्न- प्रेक्षणात्मक विधियाँ (Observational methods) किसे कहते हैं?
- प्रश्न- व्यक्तित्व मापन में किन-किन विधियों का प्रयोग मुख्य रूप से किया जाता है?
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला